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कोरोना से जान गंवाने वालों के परिवार को हर हाल में और जल्द से जल्द मदद मिलनी चाहिए, ताकि उन्हें शीघ्र राहत मिल सके- अरविंद केजरीवाल

आई 1 न्यूज़ चंडीगढ़  06 जुलाई 2021 (अमित सेठी) मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज विडियो कांफ्रेंस के जरिए दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता’ योजना की शुरूआत की। इस दौरान सीएम ने कहा कि एक जिम्मेदार और संवेदनशील सरकार होने के नाते हमारा फर्ज है कि हम ऐसे परिवारों का साथ दें और उनकी मदद करें। योजना के तहत कोरोना से जान गंवाने वाले हर व्यक्ति के परिवार को एकमुश्त 50 हजार रुपए की राशि दी जाएगी और उनके आश्रित को हर महीने 2500 रुपए दिए जाएंगे। साथ ही, अनाथ हुए बच्चों को 25 साल की उम्र तक हर महीने 2500 रुपए दिए जाएंगे। सीएम ने कहा कि हम लोगों के आवेदन करने का इंतजार नहीं करेंगे, बल्कि दिल्ली सरकार का प्रतिनिधि उनके घर जाकर खुद फार्म भरवाएंगे। सीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि प्रतिनिधि कागजों में कमियां नहीं निकालेंगे। अगर कागज पूरे नहीं हैं, तो उसे बनवाने की जिम्मेदारी भी प्रतिनिधि की होगी। कोरोना से जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिवार को हर हाल में मुआवजा मिलना चाहिए और यह मदद जल्द से जल्द पहुंचाई जाए, ताकि उन्हें शीघ्र राहत मिल सके। इस कार्यक्रम में समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम, मुख्य सचिव विजय देव समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बातौर मुख्य अतिथि योजना के पोर्टल को लांच करने के उपरांत कहा कि हम सब लोग जानते हैं कि किस तरह से पिछले डेढ़ साल से पूरी मानव जाति कोरोना महामारी से पीडि़त है। पिछले डेढ़ साल से केवल भारत में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के अंदर इस महामारी का प्रकोप है। हमारे देश के अंदर दो लहर आ चुकी हैं। पहली लहर पिछले साल आई थी और दूसरी लहर अभी अप्रैल के महीने में आई थी। देश के लिए यह दो लहर हो सकती है, लेकिन दिल्ली के लिए यह चौथी लहर थी। पिछले साल जून के महीने में पहली लहर आई, फिर सितंबर में दूसरी लहर आई, फिर नवंबर में तीसरी और अब यह चौथी लहर आई थी। दिल्ली में आई चौथी लहर बहुत ज्यादा गंभीर थी। एक तो यह बहुत ज्यादा तेजी से फैली और इससे बहुत ज्यादा लोग प्रभावित हुए। शायद ही कोई ऐसा परिवार बचा होगा, जिसमें किसी न किसी को इस चौथी लहर के दौरान कोरोना न हुआ हो। दूसरा यह कि यह लहर बहुत ज्यादा घातक थी और इस दौरान बहुत ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई।

एक जिम्मेदार और संवेदनशील सरकार होने के नाते हमारा फर्ज है कि हम कोरोना से जान गंवा चुके लोगों के परिवारों का साथ दें और उनकी मदद करें- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोगों से ऐसे बहुत सारे मामले सुनने को मिले, जिसमें बच्चे अनाथ हो गए। अब उन बच्चों को पालने वाला कोई नहीं है। जिसमें परिवार का जो कमाने वाला सदस्य था, उनकी मृत्यु हो गई और अब घर चलाने वाला कोई नहीं है। ऐसे में एक जिम्मेदार और संवेदनशील सरकार होने के नाते हमारा फर्ज बनता है कि इस मुसीबत के मौके पर हम उन सब लोगों का साथ दें, उनके साथ खड़े हों और हमसे जो कुछ बन सकता है, हम उनके लिए करें। इस संबंध में अधिकारियों और लोगों के साथ काफी विचार-विमर्श व चर्चा हुई। इसके बाद यह योजना बनकर तैयार हुई। यह तय हुआ कि जिन-जिन लोगों के घर में कोरोना से मृत्यु हुई, उस हर व्यक्ति के परिवार को 50 हजार रुपए की एकमुश्त राशि दी जाए। इस सहायता राशि को देने के दौरान उनसे और कुछ नहीं पूछा जाएगा, अगर किसी की कोरोना से मृत्यु हुई है, तो उनको 50 हजार रुपए की एकमुश्त राशि दी जाएगी। इसके अलावा, जिन लोगों के घरों में कमाने वाले व्यक्ति की मौत हो गई है, उन लोगों को हर महीने एक निश्चित राशि का एक सहारा दिया जाए। कोरोना काल में जिन बच्चों ने अपने दोनों मां-बाप को खो दिया है। मान लीजिए कि बच्चों के मां-बाप में से कोई एक पहले से नहीं थे और दूसरे की कोरोना की वजह से मौत हो गई है। यह जरूरी नहीं है कि दोनों की ही कोरोना से मौत हुई हो, अगर एक की भी कोरोना से मौत हो हुई है और बच्चा अनाथ हो गया है, तो उन सभी बच्चों को हर महीने 25 साल की उम्र तक के लिए 2500 रुपए दिए जाने का प्रावधान है। इस तरह, इस योजना के अंतर्गत सारी परिस्थितियों को कवर करने की कोशिश की गई है कि किस-किस परिस्थिति में लोगों को किस-किस तरह की दिक्कतें आ सकती हैं और उन हर परिस्थितियों को इसके अंदर शामिल करने की कोशिश की गई है। सभी किस्म के लोगों को सहायता पहुंचाने की कोशिश की गई है।

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