पांवटा साहिब विकास खंड की डांडा पागर पंचायत की एक महिला वार्ड मेंबर ने फंदा लगाकर अपनी इह लीला समाप्त कर ली है। वार्ड मेंबर कविता उम्र 25 वर्ष पत्नी संदीप निवासी ग्राम पंचायत डांडा-पागर ने अपने घर में ही फंदा लगाकर आत्महत्या की है। कविता ने जब यह जानलेवा कदम उठाया तब वो घर मे अकेली थी। उसके पति रोज़ की तरह पांवटा के एक उद्योग में काम करने गये हुए थे और ससुर गांव में हुई एक मौत के बाद अंतिम संसकार में गये हुए थे। जब्कि उसका 5 महीने का बेटा घर के बाहर बैठा हुआ था।
जिसे रोता देख पडोसी ने घर आकर देखा तो वह हैरान हो गया और कवीता के ससुर को फोन कर इसकी जानकारी दी। पंचायत की जन प्रतिनिधि को आत्महत्या के लिए किन कारणों से मजबूर होना पड़ा यह अभी पता नही चल पाया है। आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कविता का घर मे सब के अच्छा व्यवहार था, ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पंचायत में किसी मामले को लेकर कविता परेशान रही होगी, जिसके चलते उसने आत्मघाती कदम उठाया।
वी.ओ:- डांडा पागर के वार्ड नंबर 3 की महिला सदस्य कविता बेहद हंसमुख और मिलनसार स्वभाव की थी। पुलिस को जांच में पता चला है कि उसके ससुराल में किसी के साथ अनबन नहीं थी। कविता दो दिन पहले ही अपने मायके से ससुराल पहुंची थी। आत्महत्या से पहले कविता ने कोई सुसाइड नोट भी नहीं छोड़ा है। ऐसे में पावटा पुलिस को आत्महत्या के कारणों का पता लगाने काफी कठिन हो रहा है। अभी तक कोई ऐसी बात पुलिस के संज्ञान में नहीं आई है जिसे आत्महत्या की ठोस वजह माना जा सके।
बहरहाल पुलिस की एक टीम ने कारणों का पता लगाने के लिए कविता के घर की छानबीन की। साथ ही इस मामले में कई लोगों के बयान भी दर्ज किये गये है। डांडा-पागर पंचायत की प्रधान सुनीता शर्मा ने बताया कि कविता ससुराल के बारे में उन्हें अक्सर बताया करती थी कि सास-ससुर उसे अपनी बेटी से भी अधिक मान देते हैं। घर में पति व अन्य सदस्यों के साथ उसकी अनबन की कोई बात किसी के संज्ञान में नहीं है। प्रधान सुनीता शर्मा ने बताया कि कविता की मौत पर सभी हैरान और परेशान है आखिर उसने ऐसा कदम क्यों उठाया। बहरहाल इस हादसे के बाद सारे क्षेत्र में महौल गमगीन हो गया है, वहीं कवीता अपने पीछे एक 3 वर्षीय बेटी और 5 महीने के बेटे को रोता-बिलखता छोड गई है।