आई 1 न्यूज़ : संदीप कश्यप
शिमला,
हमारे प्रदेश की समृद्ध संस्कृति हमारी धरोहर है और इसका संरक्षण और संवर्द्धन हमारा नैतिक दायित्व है। संस्कृति हमारे वैभव की द्योतक भी होती है। शिक्षा, संसदीय मामले एवं विधि मंत्री श्री सुरेश भारद्वाज ने आज यहां कुफरी-कोटी-चायल-मुण्डाघाट स्टूडेंट वैलफेयर ऐसोसिएशन द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘शान-ए-क्योंथल’ की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र की पहचान उसकी संस्कृति से भी सुनिश्चित होती है, इसलिए अपने सांस्कृतिक मूल्यों को संजोए रखने के लिए हमें हर संभव प्रयास करने चाहिए।
उन्होंने छात्रों से शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ खेल व अन्य गतिविधियों में भी हिस्सा लेने का आह्वान करते हुए कहा कि छात्रों का संर्वांगीण विकास होने से उनमें नेतृत्व क्षमता भी बढ़ती है और इससे जीवन में अनुशासन की भावना को बल मिलता है।
शिक्षा मन्त्री ने नशा सेवन को समाज के विकास के लिए सबसे बड़ी बाधा बताते हुए कहा कि नशा व्यक्तित्व को खोखला कर देता है और आदमी के शरीर के साथ-साथ पारिवारिक जीवन को भी बुरी तरह प्रभावित करता है, इसलिए युवाओं को नशे से दूर रहना चाहिए और हमेशा स्वस्थ जीवन जीने के लिए अग्रसर होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्राचीन समय में भारत विश्व गुरू रहा है और आज भी सभी को मिलकर यह प्रयास करना होगा कि देश के वैभव और संस्कारों से युवा पीढ़ी को परिचित करवाया जाए। छात्रों के संर्वांगीण विकास के लिए संस्कारयुक्त शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
इस अवसर पर स्टूडेंट ऐसोसिएशन के चेयरमैन यश ठाकुर, अध्यक्ष श्री रोहित ठाकुर तथा अन्य पदाधिकारियों ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और उन्हें ऐसोसिएशन की गतिविधियों की जानकारी दी।
इस अवसर पर फुटबाल ऐसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष श्री पृथ्वी विक्रम सेन, सचिव भाजपा जिला शिमला श्री राजेंद्र, पूर्व पार्षद अनूप वैद्य, गणमान्य लोग और छात्र उपस्थित थे।
संस्कृति का संरक्षण और संवर्द्धन हमारा नैतिक दायित्वः श्री सुरेश भारद्वाज
RELATED ARTICLES