आई 1 न्यूज़ चंडीगढ़( खुशविंदर धालीवाल )12 जून – चंडीगढ़ प्रशासन की एडवाइजरी कमेटी की सप्लीमेंट्री लिस्ट जारी होते ही एक नया सियासी विवाद खड़ा हो गया है। इस सूची में कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं के नाम प्रमुखता से शामिल किए गए हैं, जिससे विपक्षी दलों, विशेष रूप से आम आदमी पार्टी (AAP), ने तीखी आलोचना की है।
आप के चंडीगढ़ अध्यक्ष विजयपाल सिंह ने गहरी चिंता जाहिर करते हुए सवाल उठाया कि क्या शहर का प्रशासन अब सचिवालय से नहीं बल्कि कमलम (सेक्टर 33 स्थित भाजपा कार्यालय) से संचालित हो रहा है?
विजयपाल सिंह ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन अब स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं कर रहा है। एडवाइजरी कमेटी की पूरक सूची में चुनिंदा भाजपा नेताओं को शामिल करना सीधे तौर पर राजनीतिक पक्षपात को दर्शाता है। इससे नौकरशाही की स्वायत्तता पर सवाल खड़े होते हैं और यह संकेत मिलता है कि प्रशासनिक निर्णय भाजपा के राजनीतिक एजेंडे से प्रभावित हो रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि एडवाइजरी कमेटी का उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों और हितधारकों का संतुलित प्रतिनिधित्व होना चाहिए, न कि किसी राजनीतिक दल की शाखा बनना।
आप पार्टी ने इन समितियों के गठन में पारदर्शिता की मांग की है और चंडीगढ़ प्रशासन से चयन प्रक्रिया को लेकर तत्काल स्पष्टीकरण देने को कहा है।
यह मामला उस बहस को और हवा दे रहा है जो केंद्रशासित प्रदेश में नौकरशाही में राजनीतिक हस्तक्षेप को लेकर पहले से ही चल रही है। पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी के रूप में चंडीगढ़ की स्थिति संवेदनशील है। लोकसभा चुनावों में भाजपा को चंडीगढ़ सीट पर INDIA गठबंधन के मनीष तिवारी से हार मिलने के बाद यह मुद्दा आने वाले दिनों में विपक्षी आलोचना का बड़ा कारण बन सकता है।