चंडीगढ़ आई 1 न्यूज़ 27 जून 2025 चंडीगढ़ के विभिन्न सेक्टरों में प्रशासन द्वारा अस्थायी रेहड़ी मार्केटों को पक्की सीमेटेड मार्केट का रूप दिया गया है। ऐसी ही एक मार्केट सेक्टर 46 में स्थित है, जो अब पार्लरों का हब बन चुकी है। लेकिन यहां एक बड़ा घोटाला सामने आ रहा है—सरकारी पानी का खुलेआम दुरुपयोग।
सेक्टर 46 की इस मार्केट में अधिकांश पार्लर मालिक सरकारी नलों से पानी लेकर व्यावसायिक गतिविधियों में उपयोग कर रहे हैं, जबकि मार्केट में पानी के केवल दो से चार ही मीटर लगे हुए हैं। यह मीटर केवल होटल या खाने-पीने की दुकानों पर लगे हैं, जो नियमित रूप से सरकार द्वारा भेजे गए बिल का भुगतान करते हैं।
इसके विपरीत, अधिकांश पार्लर मालिक बिना किसी कानूनी अनुमति के न सिर्फ सरकारी पानी का उपयोग कर रहे हैं, बल्कि उनके पास ड्रेनेज की भी कोई वैध व्यवस्था नहीं है। यह सीधा सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग और करोड़ों रुपये के राजस्व की चोरी है।
चंडीगढ़ प्रशासन अक्सर हाउस मीटिंग में आर्थिक संकट की बात करता है, मगर इस तरह की लापरवाहियों पर आंखें मूंदे बैठा है। यदि सभी दुकानदार अपनी दुकानों में मीटर लगवाएं, तो इससे चंडीगढ़ नगर निगम और प्रशासन को लाखों रुपये की आमदनी हो सकती है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह धांधली लंबे समय से जारी है, तो क्या इसमें म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन और प्रशासन के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत है? क्योंकि निगम की गाड़ियां नियमित रूप से मार्केट में निरीक्षण के लिए आती हैं और चालान भी काटती हैं। फिर उन्हें यह अवैध पानी का उपयोग क्यों नहीं दिखाई देता? क्यों पार्लर मालिकों पर कोई कार्रवाई नहीं होती? क्यों उनकी दुकानों पर सरकारी सील नहीं लगाई जाती?
इन सवालों के जवाब चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम को देने होंगे, क्योंकि यह सिर्फ जल स्रोतों का नहीं, बल्कि जनहित और प्रशासनिक जवाबदेही का भी मामला है।