चंडीगढ़ ( खुशविंदर धालीवाल ) 30 मई 2025 अंधेर नगरी का चौपट राजा टेक्सर भाजी टके सेर खाजा यह कहावत एकदम सटीक बैठती है चंडीगढ़ के डीसी ऑफिस के ऊपर, क्योंकि जब शहर के मालिक का खुद के ऑफिस का कंपाउंड ही अवैध कब्जाधारियों से घिरा हुआ हो तो वह बाकी शहर की क्या सुध लेगा l शहर वासियों के लगभग 60 से 70% काम डीसी ऑफिस के द्वारा होते हैं जाहिर सी बात है उसके लिए कोई एप्लीकेशन टाइप करवानी कोई कागज नोटराइज़ करवाना, स्टांप पेपर यह सब डीसी ऑफिस के आसपास ही होना चाहिए| इसी सुविधा को मध्य नजर रखते हुए जब शहर का डीसी ऑफिस बनाया गया तो उसकी बैक साइड पर टाइपिस्ट नोटरी और कुछ एडवोकेट्स बिठाएंगे जिस एरिया को नाम दिया गया कचहरी कंपाउंड| इस कंपाउंड में बैठने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा कुछ कायदे कानून तय किए गए l यहां पर सीट पाने के लिए चाहे वह टाइपिस्ट हो चाहे वकील हो चाहे नोटरी हो उसको एक बाकायदा टेस्ट देना पड़ता है टेस्ट पास होने के बाद उसको एक लाइसेंस मिलता है जिसकीप्रतिमाह फीस डीसी ऑफिस के STA ब्रांच में जमा होती है| लेकिन कुछ निचले कर्मचारियों की मिली भगत से यहां पर बगैर लाइसेंस अवैध कब्जा धारकों को बिठा दिया जाता है जिनको बिठाने की एवज में मोटी रकम वसूली जाती है यहां बैठने के लिए डीसी ऑफिस द्वारा 8 नियम बनाएं गए जिसमें अटेंडेंस,लंच ब्रेक ऑफिस का समय, ड्रेस कोड आइडेंटी कार्ड,जनरल बिहेवियर और आठवां और महत्वपूर्ण नियम था के प्रत्येक मेंबर को यह ध्यान रखना है कि उसमें आसपास कोई भी अवैध वकील, नोटरी या टाइपिस्ट ना बैठे और जिस किसी की सीट पर भी अवैध व्यक्ति काम करता पाया जायेगा उसकी सीट वह कैंसिल की जाएगीयह नियम अजीत बालाजी जोशी जो हरियाणा कैडर के 2003 के आईएएस अफसर हैं उन्होंने अपनी 2015 से 2018 तक चंडीगढ़ में नियुक्ति के वक्त बनाए लेकिन वह तहसीलदार लेवल तक के अफसर की वजह से लागू नहीं हो पाए फिर इस विनय प्रताप सिंह ने अपनी नियुक्ति के दौरान memo नंबर DC/STA/2023/ 13857 दिनांक 1/6/ 2023 खूब ज्यादा एक आर्डर पास किया जिसमें क्लियर शब्दों में लिखा गया था कि सभी अनऑथराइज्ड ऑक्युपेंट्स को यहां से रिमूव किया जाए और जो भी एडवोकेट नोटरी और टाइपिस्ट अपने साथ मुंशी एम्पलाई असिस्टेंट रखेगा उसकी सीट तुरंत प्रभाव से कैंसिल की जाएगी लेकिन यह सब कार्रवाई सिर्फ कागजों तक ही सीमित रही l
इस आर्डर को निकले हुए भी 2 साल होने को आए हैं लगभग 70 के करीब जो सीट से डीसी ऑफिस द्वारा अलॉट की गई है और इस वक्त कचहरी कंपाउंड में डेढ़ सौ से ऊपर व्यक्ति काम कर रहा है| बहुत सी ऐसी सीट्स है जिनके लाइसेंस होल्डर हाईकोर्ट या डिस्टिक कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे हैं और डी सी ऑफिस कचहरी कंपाउंड वाली सीट सबलेट कर रखी है एक परिवार की चार सीट्स लेकिन काम वह एक सीट पर कर रहे हैं बाकी तीन सीट जो है वह सबलेट की हुई है कई लाइसेंसी ऐसे हैं जो किसी अन्य राज्य से हैं और पिछले कई वर्षो से चंडीगढ़ में आए ही नहीं उनकी सीट पर उनका कोई रिश्तेदार अवैध कारोबार कर रहा है यह एक जांच का विषय है और इसकी जांच होनी चाहिए क्यों कि ज़ब अतिक्रमण विरोधी दस्ता करवाई करने पहुँचता है तो अवैध कब्जा करने वालो पहले से ही सूचित कर दिया जाता है l