पंजाब के राज्यपाल और यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक श्री गुलाब चंद कटारिया ने चंडीगढ़ में युवा-केंद्रित आपदा तैयारी प्रशिक्षण का उद्घाटन किया।
प्रशिक्षुओं ने एक लचीले समाज के स्तंभों के रूप में साहस और सामुदायिक तैयारी पर जोर दिया।
आई 1 न्यूज़ चंडीगढ़( खुशविंदर धालीवाल) 22जून 2025
नागरिक सुरक्षा निदेशालय, चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान (एमजीएसआईपीए) के सहयोग से आयोजित नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों के लिए आपदा तैयारी और प्रतिक्रिया प्रशिक्षण का आज औपचारिक रूप से पंजाब के राज्यपाल और यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक श्री गुलाब चंद कटारिया ने उद्घाटन किया।
प्रशासक ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे नागरिकों – विशेष रूप से युवाओं – को संकट के समय में त्वरित और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने के लिए जीवन रक्षक कौशल के साथ सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “तैयारी केवल साहस के बारे में नहीं है – यह प्रशिक्षित साहस है। आज की अप्रत्याशित दुनिया में, प्रशिक्षित स्वयंसेवक हमारी आशा, व्यवस्था और लचीलेपन की अग्रिम पंक्ति हैं।” श्री कटारिया ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चंडीगढ़ की अनूठी भौगोलिक और रणनीतिक स्थिति पर प्रकाश डाला, तथा समुदाय स्तर पर आपदा तैयारियों की तत्काल आवश्यकता की ओर इशारा किया। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लोगों की व्यापक प्रतिक्रिया को याद करते हुए उन्होंने कहा, “टैगोर थिएटर में आपातकालीन कॉल के दौरान कुछ ही घंटों में 7,000 से अधिक युवा आगे आए। उस पल ने हमें तत्परता और सामूहिक जिम्मेदारी की सच्ची भावना दिखाई।” प्रशिक्षण कार्यक्रम में निकासी अभ्यास, प्राथमिक चिकित्सा, अग्नि सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन पर व्यावहारिक मॉड्यूल शामिल हैं, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों को आपदाओं का सामना करने में कुशल प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता बनाना है। राज्यपाल ने युवाओं को इसे अल्पकालिक गतिविधि के रूप में देखने से आगे बढ़कर इसे आजीवन नागरिक प्रतिबद्धता के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। राज्यपाल ने कहा, “हमारे युवा न केवल भविष्य हैं, बल्कि वे आज की ताकत भी हैं। मेरा मानना है कि आज प्रशिक्षित स्वयंसेवक कल अपने समुदायों के नेता बनेंगे – ऐसे नेता जो अराजकता में शांति और अनिश्चितता में कार्रवाई ला सकते हैं।” उन्होंने नागरिक सुरक्षा निदेशालय और एमजीएसआईपीए के सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना की, तथा इस तरह की सक्रिय पहलों में यूटी प्रशासन से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। राज्यपाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि जन भागीदारी, तकनीकी प्रशिक्षण और प्रशासनिक समन्वय मिलकर आपदा-रोधी शहर की रीढ़ बनते हैं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में युवा स्वयंसेवकों की भागीदारी पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, नागरिक सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत किया जाएगा और जरूरत के समय चंडीगढ़ की तैयारी सुनिश्चित की जाएगी। गृह सचिव श्री मंदीप सिंह बराड़, उपायुक्त श्री निशांत कुमार यादव, पश्चिमी कमान के मुख्य सिग्नल अधिकारी, मेजर जनरल हिमांशु भटनागर, एमजीएसआईपीए से कर्नल दलबीर सिंह और चंडीगढ़ प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उद्घाटन सत्र में मौजूद थे।