आई 1 न्यूज़ 10अप्रैल 2018 ( अमित सेठी ) पानी – अमृत या जहर। चंडीगढ़ में पानी के विषय वस्तु के बारे बताते हुए डॉक्टर परमेश्वर अरोरा ने कहा के ज्यादा मात्रा में पानी पीना यानि के अपने शरीर को बिमारिओ का घर बनाना है। डॉक्टर अरोरा आयुर्वेद में एम् डी है दिल्ली के सर गंगा राम हॉस्पिटल में सीनियर कंसलटेंट है। उन्होंने बताया के आयुर्वेद में लिखा है के ज्यादा पानी पीने से व्यक्ति को शुगर , उच्च रक्त चाप , किडनी की बिमारीअ , हार्ट की बिमारीअ , अपचन और जलन जैसी बिमारीअ हो सकती है। अगर है तो बढ़ जाती है। इस लिए पानी उतना ही पीना चाहिए जितना जरुरत है। अगर कोई डॉक्टर कहता है के पानी ज्यादा पीने से शरीर के विकार दूर होते है तो वो सही नहीं है।
वी ओ -1 – आयुर्वेद शास्त्रों के अनुसार पानी अधिक मात्रा में पीना शरीर को नुकसान पहुँचाना है पेट के सभी रोग कब्ज , एसिडिटी अदि पाचक अग्नि की मंदता उत्पन होते है। इन रोगो से मुक्ति अग्नि को बढ़ा कर ही पाई जा सकती है।
प्यास लगने पर एक साथ ज्यादा पानी पीने से अपच , पेट फूलना , खांसी , जुकाम , सांस के रोग उत्पन करता है।
ज्यादा पानी से शरीर में किडनी ,शुगर हाई ब्लड प्रेशर जैसी बिमारीअ बढ़ती है ,घटती नहीं। शरीर को पानी नकारात्म रूप से प्रभावित करता है।
हर व्यक्ति की पानी की जरुरत और शरीर हिसाब से होती है ,सभी को एक मात्रा में पीने को कहना नुकसानदायक है।
पानी उबाल कर पीना चाहिए ,RO का पानी उसमे से सभी जरुरी तत्व निकल देता है। RO के पानी की इंडिया में कोई जरुरत नहीं। मिटटी से आनेवाला पानी मिटटी के तत्व लेकर आता है जो ख़तम हो जाते है। यह यूरोप का चलन है।
थोड़ा गरम पानी ही भोजन और सेहत के लिए ठीक होता है। ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए।
-बाइट – डॉक्टर परमेश्वर अरोरा
MD , आयुर्वेद