इसके बाद अब तक सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने ही राशन की सब्सिडी छोड़ने का एलान किया है। इसके अलावा न तो विधायकों और न ही हिमाचल की अफसरशाही ने अब तक सब्सिडी छोड़ी है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के एपीएल कार्ड धारकों से स्वेच्छानुसार सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी।
खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग के पास विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल का पत्र आया है, जिसमें उन्होंने सब्सिडी छोड़ने का एलान किया। इसके बाद विभाग की ओर से विधानसभा अध्यक्ष का राशनकार्ड ब्लॉक कर दिया गया है। हिमाचल में राशनकार्ड धारक परिवारों की संख्या साढ़े अठारह लाख है।
सरकार की ओर से सभी उपभोक्ताओं को तीन दालें, दो लीटर तेल (एक सरसों तो एक रिफाइंड), नमक और चीनी सब्सिडी पर उपलब्ध कराई जा रही है, जबकि गेहूं और चावल केंद्र सरकार की ओर से सब्सिडी पर दिया जा रहा है। बाजारी मूल्य की अपेक्षा डिपो में उपभोक्ताओं को 40 से 50 रुपये सस्ता राशन मिलता है, आटे में भी बाजार मूल्य की अपेक्षा डिपो में आधो आधा फर्क है।
सरकार चाहती है कि गरीबों को मिले फायदा
सरकार चाहती है कि सब्सिडी का फायदा गरीबों को मिले। इसी को ध्यान में रखते हुए सबसे पहले मंत्रिमंडल ने सब्सिडी छोड़ने का एलान किया, लेकिन विधायक और अफसर इस पर अमल नहीं कर रहे हैं।
मंत्रिमंडल ने राशन पर सब्सिडी छोड़ने का एलान किया है। विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने भी सब्सिडी छोड़ दी है। विधायक और अफसरों की ओर से अभी तक सब्सिडी छोड़ने के लिए कोई पत्र नहीं आया है